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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना

प्रधानमंत्री किसान योजना ने देश के प्रत्येक किसान को न केवल आय सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है, बल्कि प्रत्येक किसान को विश्वास प्रदान किया है। 

भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार योजना में 85 मिलियन किसानों ने पंजीकरण कराया है और पहली किस्त में ही लगभग 65 मिलियन किसानों को 3.5 बिलियन डॉलर की राशि अंतरित की गई है। 

आय सहायता योजना ने किसानों की मदद की है, क्योंकि प्रारंभिक किस्त में लगभग 1.1 मिलियन किसानों के खाते में पांच सौ रुपये से कम की राशि थी और प्रधानमंत्री किसान योजना के माध्यम से जमा कराई गई 2000 रुपये की राशि की पहले दिन ही निकासी की गई। 

राज्य सरकारों द्वारा लाभार्थियों की पहचान की जा रही है और यह सौ प्रतिशत केन्द्र प्रायोजित योजना है। इसके तहत छोटे और मझौले किसान परिवारों को प्रति वर्ष 6000 रुपये का आय समर्थन दिया जा रहा है।

सभी किसान योजना के हकदार   

Govt policies

सरकार ने किसानों के लिए बड़ा फैसला लिया है। मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का दायरा बढ़ा दिया है। बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के अपने संकल्प पत्र में इसके विस्तार का वादा किया था। 

इस स्कीम के तहत खेती-किसानी के लिए सालाना 6000 रुपए तीन किस्तों में मिल रहे हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम अब देश के सभी 14.5 करोड़ किसान परिवारों के लिए लागू हो गई है। 

24 फरवरी 2019 को जब प्रधानमंत्री ने इसकी शुरुआत की थी तब सिर्फ यह सिर्फ 12 करोड़ किसानों के लिए ही थी, क्योंकि इस पर 2 हेक्टेयर यानी 5 एकड़ तक जमीन होने की शर्त थी, लेकिन अब इस शर्त को सरकार ने हटा दिया है और अब सभी किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। फिर भी कुछ शर्तें लागू रहेंगी, ताकि इसका लाभ असली किसानों तक ही पहुंचे। 

तीन किस्तों में हर साल किसानों को मिलेंगे 6000 रुपए  

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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का ऐलान पीएम मोदी सरकार के अंतरिम बजट के दौरान किया गया था। योजना के तहत देश के छोटे किसानों को सीधे उनके बैंक खाते में हर साल 6000 रुपए की सहायता राशि दी जाएगी।

यह योजना 1 दिसंबर 2018 से पूरे देश में लागू हो चुकी है। योजना के तहत पहले कमजोर किसान परिवार, जिनके पास 2 हेक्टेयर या उससे कम जमीन है तो उन्हें 6000 रुपए प्रति वर्ष दर से सहायता दिए जाने का फैसला लिया था लेकिन अब इसमें सभी किसानों को इस योजना का लाभ मिलेगा। 

सरकार सीधे किसनों के बैंक खाते में पैसे डालेगी। इस योजना की पहली किस्त 2.25 करोड़ किसानों को मिल भी चुकी है। सरकार ने योजना के लिए 75,000 करोड़ रुपए आवंटित किए थे। 

कैसे करें आवेदन  

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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने के लिए आपको ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन करना पड़ेगा। किसानों को इसके लिए सबसे पहले कृषि विभाग में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा, प्रशासन उसका वेरीफिकेशन करेगा।

रेवेन्यू रिकॉर्ड, बैंक अकाउंट नंबर, मोबाइल नंबर और आधार नंबर देना होगा। कोई कन्फ्यूजन है तो अपने लेखपाल से संपर्क कर सकते हैं। लेखपाल ही यह वेरीफाई करता है कि आप किसान हैं। 

अगर लेखपाल और कृषि अधिकारी किसी असली किसान को इसका लाभ देने में आनाकानी कर रहे हैं तो सोमवार से शुक्रवार तक पीएम-किसान हेल्प डेस्क (PM-KISAN Help Desk) के ई-मेल Email (pmkisan-ict@gov.in) पर संपर्क कर सकते हैं। 

वहां से भी न बात बने तो इस सेल के फोन नंबर 011-23381092 (Direct HelpLine) पर फोन करें। आॉनलाइन आवेदन करते समय किसान को अपना आधार कार्ड नंबर, मतदाता पहचान पत्र और बैंक से संबंधित यानी कि बैंक खाता संख्या पास होना जरूरी है। 

इसके अलावा अगर किसान एससी/एसटी वर्ग से है तो उसके लिए उसे सर्टिफिकेट देना होगा। इसके बाद आपको अपनी जानकारी देने होगी जैसे कि पिता का नाम, मोबाइल नंबर, जन्मतिथि, खेती की जानकारी जैसे- खेत का आकार, कितनी जमीन है आदि। 

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का ऑफलाइन आवेदन करने के लिए किसानों को ग्राम पंचायत या फिर पास के जनसेवा केन्द्र पर जाना होगा। यहां आपको फार्म दिए जाएंगे, जिन्हें आपको भरना होगा। 

कैसे पता चलेगा कि आपका नाम रजिस्टर हो चुका है

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का फार्म भरने के बाद जो भी लाभकारी किसान हैं, उनके नामों की लिस्ट पंचायत पर लगाई जाएगी। इसके अलावा जिन किसानों को उसका लाभ मिलना है उनके मोबाइल पर भी एसएसएस भेजा जाएगा। 

किन्हें योजना से रखा गया वंचित 

केंद्र या राज्य सरकार में अधिकारी (मल्टी टास्किंग स्टाफ/चतुर्थ श्रेणी/समूह डी कर्मचारियों को छोड़कर) एवं 10 हजार से अधिक पेंशन पाने वाले किसानों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। 

इसके अलावा अन्य पेशेवर जैसे डॉक्टर, वकील आदि अगर खेती करते हैं तो वे भी लाभ के लिए योग्य नहीं हैं। इसके साथ ही पिछले वित्तीय वर्ष में जिन्होंने इनकम टैक्स दिया है वे भी इसका लाभ नहीं उठ सकते हैं। 

वहीं जो सांसद, विधायक, मंत्री या फिर मेयर खेती करते हैं उनको भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा।  

कैबिनेट ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत लाभार्थियों के बैंक खाते आधार से जोड़ने की अनिवार्यता में छूट प्रदान करने को मंजूरी दी

कैबिनेट ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत लाभार्थियों के बैंक खाते आधार से जोड़ने की अनिवार्यता में छूट प्रदान करने को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक मे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के अंतर्गत लाभार्थियों के बैंक खाते आधार से जोड़ने की अनिवार्यता में छूट दिये जाने की मंजूरी दी। इस योजना के अंतर्गत कुछ अपवादों को छोड़कर जोत वाले किसान परिवारों की आय में 6,000 रूपये की सालाना सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत हर चार महीने पर 2,000-2,000 रूपये की तीन किस्तें प्रदान की जाती हैं। यह धनराशि डीबीटी माध्यम से लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे जमा कराई जाती है।

 

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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि 

 इस योजना के तहत 1 अगस्त, 2019 के बाद उन लाभार्थियों को तीसरी किस्त जारी की गई, जिन्हें दिसम्बर, 2018- मार्च, 2019 के दौरान पहली किस्त प्राप्त हुई थी तथा अप्रैल-जुलाई, 2019 को उन लाभार्थियों को दूसरी किस्त प्राप्त हुई थी। यह धनराशि केवल बैंक खातों के आधार संख्या से जुड़े होने के आधार पर जारी की गई थी। इसी तरह 1 अगस्त, 2019 के बाद उन लोगों को दूसरी किस्त जारी की गई, जिन्हें अपनी पहली किस्त अप्रैल-जुलाई, 2019 को केवल बैंक खातों के आधार संख्या से जुड़े होने के आधार पर प्राप्त हुई थी। शेष लाभार्थियों को 1 अगस्त, 2019 को पहली किस्त केवल बैंक खातों के आधार संख्या से जुड़े होने के आधार पर दी जानी थी। असम, मेघालय और जम्मू कश्मीर के किसान, जहां आधार की व्यापक पैठ संभव नहीं हो सकी है, उन्हें 31 मार्च, 2020 तक इस आवश्यकता से छूट प्रदान की गई है।

  प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि 

 हालांकि 1 अगस्त, 2019 के बाद किस्त जारी करने के निर्धारित समय के अनुसार धनराशि जारी करने के लिए 100 प्रतिशत खातों को आधार से जोड़ा जाना संभव नहीं हो सका है। अब जबकि किसान रबी के मौसम की तैयारी कर रहे हैं, ऐसे में उन्हें कृषि से जुड़े अनेक कार्यों जैसे बीजों के खरीद, मिट्टी की तैयारी और सिंचाई जैसी संबंधित गतिविधियों, मशीनों और उपकरणों के रख-रखाव के लिए धन की नितांत आवश्यकता है। इन आवश्यकताओं के साथ-साथ, हाल ही में शुरू हुआ त्यौहारों का मौसम भी गरीब किसान परिवारों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डालेगा। आधार संख्या के साथ लाभार्थियों के खाते को  जोड़े नहीं जा सकने के कारण अगली किस्तों के जारी होने में विलंब होगा और इससे किसानों में असंतोष फैलेगा। इसलिए 1 अगस्त, 2019 के बाद लाभार्थियों को लाभ जारी करने के लिए बैंक खातों के आधार संख्या से जुड़े होने की अनिवार्यता में 30 नवंबर, 2019 तक छूट प्रदान की गई है। इससे बड़ी संख्या में उन किसानों को तत्काल धनराशि जारी की जा सकेगी, जो इस अनिवार्यता की वजह से यह लाभ प्राप्त नहीं कर सकते हैं। लाभ जारी करने के लिए यह अनिवार्यता 1 दिसम्बर, 2019 के बाद से लागू हो जाएगी। सरकार भुगतान करने से पहले इस आंकड़े की वैद्यता के लिए उचित उपाय करेगी।

 

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि 

 केन्द्रीय क्षेत्र की योजना यथा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत कुछ अपवादों को छोड़कर जोत वाले किसान परिवारों की आय में 6,000 रूपये की सालाना सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत हर चार महीने पर 2,000 रूपये की तीन किस्तें प्रदान की जाती हैं। यह धनराशि डीबीटी माध्यम से लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे जमा कराई जाती है। इस योजना के अंतर्गत कुल 27,000 करोड़ रूपये से अधिक धनराशि जारी की जा चुकी है। पहली किस्त 6,76,76,073 लाभार्थियों को, दूसरी किस्त 5,14,27,195 लाभार्थियों को और तीसरी किस्त 1,74,20,230 को जारी की जा चुकी है।

पी ऍम किसान ई-केवाईसी की आखिरी तिथि (Last date for PM Kisan e-KYC)

पी ऍम किसान ई-केवाईसी की आखिरी तिथि (Last date for PM Kisan e-KYC)

किसान सम्मान निधि की १२वीं किस्त : आवश्यक जानकारी

भारत सरकार ने साल 2018 में किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान कराने के लिए
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की थी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत सरकार हर साल किसानों को दो हजार रुपये की आर्थिक सहायता दे रही है। अब तक किसानों के खाते में कुल 11 किस्त के पैसों को ट्रांसफर किया जा चुका है। जल्द ही सरकार किसानों के खाते में 12वीं किस्त के पैसे भी ट्रांसफर करने वाली है। केंद्र सरकार की तरफ से पीएम किसान योजना की 12वीं  किस्त का फायदा उठाने के लिए ई-केवाईसी (e-KYC) कराना अनिवार्य बना दिया गया है. बिना इसके, किसानों के खाते में रुपये ट्रांसफर नहीं किये जाएंगे. पीएम किसान योजना की ई-केवाईसी कराने की आखिरी तारीख 31 अगस्त 2022 है। किसानों को 12वीं किस्त का लाभ पाने के लिए  जल्द से जल्द अपनी ई-केवाईसी सरकार द्वारा तय की गई डेडलाइन से पहले करानी होगी । प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में ई-केवाईसी कराने के लिए आपको पीएम किसान योजना की आधिकारिक वेबसाइट https://pmkisan.gov.in/ पर विजिट करना होगा । इस वेबसाइट पर फार्मर कॉर्नर (Farmer corner) में जाकर आप अपनी ई-केवाईसी से करा सकते हैं।

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ऑनलाइन ईकेवाईसी कराने की विधि :

  • ऑनलाइन ई-केवाईसी करने के लिए सबसे पहले पीएम किसान योजना की आधिकारिक वेबसाइट pmkisan.gov.in पर जाइये।
  • इसके बाद वेबसाइट में दाहिने तरफ दिख रहे ई-केवाईसी के ऑप्शन पर क्लिक कीजिये।
  • वहां अपना आधार नंबर दर्ज कीजिये।
  • इसके बाद आधार रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर मैसेज आएगा।
  • मैसेज में आए ओटीपी को यहां दर्ज कीजिये। 'सबमिट' पर क्लिक कीजिये ।
  • यह प्रक्रिया होते ही पीएम किसान खाते की ई-केवाईसी पूरी  हो जाएगी।
पीएम किसान सम्मान निधि : उत्तर प्रदेश में 21 लाख किसान अपात्र, अगली किस्त में हो सकती है देरी

पीएम किसान सम्मान निधि : उत्तर प्रदेश में 21 लाख किसान अपात्र, अगली किस्त में हो सकती है देरी

उत्तर प्रदेश में 21 लाख किसान अपात्र पाए गए हैं जो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan) का लाभ उठा रहे थे. सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए कहा है कि योजना के तहत, इन अपात्र किसानों को भुगतान किया गया पैसा उनसे जल्द से जल्द वसूल किया जाएगा. यह योजना एक जनकल्याणकारी योजना है जिसमें किसानों को हर साल खेती करने के लिए 6 हजार रुपये उनके खातों में भेजा जाता है. इस वक़्त देश में करोड़ों किसान 'पीएम किसान योजना' की अगली किस्त का जारी होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ 21 लाख लोगों का इस योजना में अपात्र होना कई सारे सवाल खड़े करता है. इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश में 21 लाख किसान जांच के दौरान अपात्र पाए गए हैं. उत्तर प्रदेश में केंद्र सरकार की इस योजना के अंतर्गत लगभग 2.85 करोड़ किसान पंजीकृत हैं, जिनमें से 21 लाख लाभार्थी जांच के दौरान अपात्र पाए गए हैं. कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि योजना के तहत अब तक इन अपात्र किसानों को भुगतान की गई सभी राशि को जल्द से जल्द वसूल लिया जायेगा.


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पति-पत्नी दोनों ले रहें थे लाभ

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह बताया कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें पति-पत्नी दोनों को पीएम किसान योजना का लाभ मिल रहा था. सरकार ने इसको गंभीरता से लेते हुए अपात्र किसानों से धन की वसूली की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है. शाही ने यह भी कहा कि जो किसान अपनी 12 वीं क़िस्त का इन्तजार कर रहें है, उन्हें घबराने की ज़रूरत नहीं हैं. इस महीने के अंत तक 12 वीं क़िस्त की राशि किसानों के खाते में भेज दी जाएगी और सिर्फ उन्हीं किसानों को इसका लाभ मिलेगा जिनके भूमि रिकॉर्ड का सत्यापन पीएम-किसान वेबसाइट पर पूरा हो गया है. कृषि मंत्री के मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी के मुताबिक़, आधिकारिक वेबसाइट पर डाटा अपलोड करने की प्रक्रिया युद्धस्तर पर की जा रही है और और इस योजना का लाभ उन्ही किसानों को मिलेगा जो इस योजना के पात्र हैं.

कृषि मंत्री की किसानों से अपील

कृषि मंत्री ने किसानों से अपील किया कि किसान अपना डाटा जल्द से जल्द संग्रह कर के पीएम किसान पोर्टल पर अपलोड करें, ताकि अगली किस्त छूट न जाए. उन्होंने यह भी बताया की अब तक 1.50 करोड़ से अधिक किसानों के भूमि अभिलेखों को वेबसाइट पर लोड करने का कार्य किया जा चुका है. फरवरी 2019 में केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए PM-KISAN के तहत, पात्र किसानों को न्यूनतम आय सहायता के रूप में तीन किस्तों में प्रति वर्ष ₹6,000 तक मिलते हैं. उत्तर प्रदेश में लगभग 2.50 करोड़ किसान है, जिन्हें इस योजना का लाभ मिलता हैं. प्रत्येक किश्त का 100% त्रुटि मुक्त डेटा की प्राप्ति के बाद ही किसानों के बैंक खातों में पैसे भजे जाते हैं, लेकिन जिस तरह से उत्तर प्रदेश में गड़बड़ी का मामला सामने आया है उससे यह साफ़ जाहिर होता है कि व्यापक पैमाने पर पुरे देश में इस योजना का गलत रूप से लाभ लिया जा रहा है. वैसे लोग जो अपात्र हैं, जो आयकर दाता है, वो आखिर किस तरह से इस योजना का लाभ ले रहे थे?


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उत्तर प्रदेश सरकार के एक मंत्री ने कहा कि यह मुद्दा राजनीतिक रूप से बहुत ही संवेदनशील है. लेकिन सरकार को केंद्र के दिशानिर्देशों के अनुसार कार्य करना होगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल पात्र किसान ही पीएम-किसान के तहत लाभ प्राप्त कर पाए. इस तरह के जन कल्याणकारी योजनाओं में गड़बड़ी का मामला सिर्फ उतर प्रदेश जैसे राज्यों में ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों में भी होने की खबर आई हैं. राजस्थान में भी इस तरह के फर्जीवाड़ा को रोकने के लिए छह सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया हैं. कमेटी द्वारा जब जांच की गयी तो यह पता चला कि तहसीलदार की आईडी का दुरुपयोग करके अपात्र लोगों को योजना के लाभ लेने के लिए पात्र बनाया गया था, जिसमें 192 आईपी (IP address) का दुरुपयोग किया गया था. आईपी अड्रेस (IP Address) की लिस्ट के साथ राजस्थान में एफआईआर को दर्ज कराया गया हैं. मामले में गड़बड़ी और लापरवाही के आरोप में वहाँ के वर्तमान तहसीलदार के खिलाफ सरकार ने सख्ती से करवाई शुरू कर दी हैं.
इस नंबर पर फोन करके जान सकते हैं किसान सम्मान निधि योजना का स्टेटस

इस नंबर पर फोन करके जान सकते हैं किसान सम्मान निधि योजना का स्टेटस

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan) केंद्र सरकार द्वारा चलाए गए लाभकारी योजनाओं में से एक है, इस योजना का उद्देश्य भूमि धारक किसानों के परिवारों को कृषि के क्षेत्र में कार्य करने हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करनी है। इस योजना का लाभ काफी संख्या में किसान ले रहे हैं। योजना के अंतर्गत भूमि धारक किसानों के परिवारों को ₹6000 प्रति वर्ष का वित्तीय लाभ दिया जाता है, जो हर 4 महीने में ₹2000 की तीन किस्तों में मिलता है।


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सरकार ने जारी किया है टॉल फ्री नंबर

इस योजना के एप्लीकेशन स्टेटस को जानने के लिए सरकार ने एक टोल फ्री नंबर जारी किया है जिस पर किसान कॉल करके अपने आवेदन की स्थिति को जान सकता है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को सरकार ने 11 किस्तों की राशि का भुगतान कर दिया है। वहीं 12वीं किस्त की राशि भुगतान करने से पहले सरकार ने EKYC कराना जरूरी कर दिया है। जिन किसानों के द्वारा EKYC नहीं कराया गया है, उनके खाते में 12वीं किस्त का भुगतान नहीं किया जाएगा। ऐसा सरकार ने हाल ही के दिनों में नियम बनाया है। ऐसा नियम बनाने का कारण यह है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना मेंलगातार फर्जीवाड़े की खबर सामने आ रही थी। योजना के लिए अपात्र लोग भी इसका फायदा ले रहे थे। यूपी में व्यापक पैमाने पर फर्जीवाड़ा हो रहा था। ज्ञात हो कि पिछले दिनों लगभग 21 लाख लोगों को यूपी सरकार के द्वारा अपात्र चिन्हित किया गया है।


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जो इस योजना का लाभ ले रहे थे इस योजना का लाभ परिवार के सिर्फ एक ही सदस्य के द्वारा लिया जा सकता है लेकिन उत्तर प्रदेश, राजस्थान जैसे अन्य राज्यों में इस योजना में लगातार फर्जीवाड़ा का मामला सामने आ रहा था। वैसे लोग जो इनकम टैक्स पे करते हैं वह भी इस योजना का लाभ ले रहे थे। सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जो भी अपात्र लोग इस योजना का लाभ ले रहे थे उन पर सरकार कड़ी कार्रवाई करते हुए अभी तक जितनी भी राशि का भुगतान हुआ है उसकी रिकवरी करेगी साथ ही योजना में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए सरकार ने 12वीं किस्त पर रोक लगाते हुए EKYC कराना जरूरी कर दिया है। जो किसान EKYC नहीं कराए हैं उनके खाते में 12वीं किस्त की राशि नहीं जाएगी। कृषि मंत्रालय ने ट्वीट करके यह जानकारी दिया है की, टोल फ्री नंबर 155261 पर किसान फोन करके अपने आवेदन की स्थिति के साथ ये पता लगा सकते हैं कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थी सूची में उनका नाम है या नही, दरअसल सरकार के द्वारा पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लिए ईकेवाईसी कराने की अंतिम तिथि ३१ जुलाई तक ही थी, जिसे ३१ अगस्त तक बढ़ाया गया था। ३१ अगस्त से पहले जिन किसानों ने अपना एक केवाईसी करा लिया है, उन किसानों के खाते में 12वीं किस्त की राशि का भुगतान किया जाएगा।जो किसान इस योजना का लाभ भविष्य में लेना चाहते है उन्हे अपने नजदीकी सीएससी केंद्र पर जाकर EKYC को करना होगा, उसके बाद सरकार के द्वारा जारी किए गए टोल फ्री नंबर पर कॉल करके किसान अपने आवेदन की स्थिति और लाभार्थी सूची में नाम है या नहीं इसका घर बैठे पता लगा पाएंगे। वहीं जिन किसानों का लाभार्थी सूची में नाम है, उनके लिए खुशी की खबर यह है कि उनके खाते में जल्दी 12वीं किस्त की राशि का भुगतान होना है। खबर आ रही है की सरकार ने 12वीं किस्त को लाभार्थी के खाते में ट्रांसफर करने के लिए इस योजना के लिए करीब 21000 करोड़ के बजट की घोषणा की है।


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12वीं किस्त की स्थिति की जांच कैसे करें

12 वीं किस्त की अपडेट के लिए आपको सबसे पहले प्रधानमंत्री किसान योजना की वेबसाइट pmkisan.gov.in पर जाना होगा। वहां स्क्रीन पर दिख रहे PM Kisan Yojana 12th Kist Status Online 2022 पर क्लिक करना होगा, उसके बाद आपको अपना लॉगिन डिटेल सबमिट करना होगा और ओटीपी पाने के लिए मोबाइल नंबर देना होगा। उसके बाद आपके इस स्क्रीन पर 12वीं किस्त की स्थिति दिखने लगेगी, वहां आपके खाते में 12वीं किस्त की राशि आई है या नहीं यह जान पाने में आप सक्षम होंगे।
इस बार 17 अक्टूबर को आएगी पीएम किसान की 12वीं क़िस्त, हुए ये बड़े बदलाव

इस बार 17 अक्टूबर को आएगी पीएम किसान की 12वीं क़िस्त, हुए ये बड़े बदलाव

किसानों को केंद्र सरकार की तरफ से दी जाने वाली सहायता राशि का किसानों को बेसब्री से इंतजार है। किसानों का यह इंतजार जल्द ही समाप्त होने वाला है क्योंकि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan) की 12वीं क़िस्त सरकार जल्द ही जारी करने जा रही है। यह क़िस्त केंद्र सरकार के द्वारा तिमाही की शुरुआत में किसानों के खातों में जमा कर दी जाती थी, लेकिन इस बार कुछ कारणों की वजह से इसमें देरी हुई है। देरी होने के लिए सरकार ने गलत डेटा और किसानों के अपूर्ण केवाईसी को जिम्मेदार बताया है। सरकार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि अब डेटा को दुरुस्त कर लिया गया है और जल्द ही सरकार किसानों के पैसे उनके खाते में ट्रांसफर करने जा रही है। सरकारी सूत्रों ने यह भी बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी दिल्ली में आयोजित होने वाले 17 अक्टूबर 2022 को कृषि स्टार्टअप कार्यक्रम में किसानों के खाते में 12वीं क़िस्त ट्रांसफर करेंगे। इस कृषि स्टार्टअप कार्यक्रम के आयोजन की तैयारियां जोरों पर हैं, जहां पीएम मोदी किसानों को संबोधित करेंगे।


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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है, जिससे सीधे तौर पर 12 करोड़ किसान लाभान्वित होते हैं। इस योजना के अंतर्गत सरकार किसानों को तीन किस्तों में 6 हजार रूपये देती है। लेकिन इस बार किसानों के लिए 12वीं किस्त जारी करने के पहले सरकार ने कुछ बड़े बदलाव किये हैं। अब किसान अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर से ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की क़िस्त की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इसका असर किसानों पर होगा, क्योंकि भारत में कई किसान ऐसे हैं, जो बिल्कुल भी पढ़े लिखे नहीं हैं और उन्हें मोबाइल चलाना नहीं आता।

इसके पहले कौन सी व्यवस्था लागू थी

इस योजना के अंतर्गत स्टेटस जानने के लिए पहले किसानों को आधार नंबर या मोबाइल नंबर की आवश्यकता होती है, जिसके माध्यम से पीएम किसान में जाकर किसान भाई अपना आधार नंबर या मोबाइल नंबर डालकर आसानी से अपना स्टेटस चेक कर लेते थे। लेकिन नए बदलाव से अब किसान आधार नंबर के माध्यम से अपना स्टेटस चेक नहीं कर पाएंगे, इसके लिए पंजीकृत मोबाइल नंबर होना जरूरी है।

किसानों को स्टेटस जानना क्यों है जरूरी

इस योजना में कुछ अपात्र किसानों द्वारा भी लाभ लिया जा रहा है, इसलिए सरकार ने ऐसे लोगों को इस योजना से हटाने का निर्णय लिया है। इसके तहत सरकार ने अपात्र किसानों की पहचान के लिए कई फैसले लिए हैं। इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि किसान भाई अपना स्टेटस देख लें, कि उनका नाम पीएम किसान सम्मान निधि योजना में है या नहीं। अगर उनका नाम इस योजना में नहीं है तो उन्हें जल्द से जल्द संबंधित अधिकारी से संपर्क करना चाहिए।

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किसानों के लिए ई केवाईसी करवाना हुआ अनिवार्य

इस योजना का लाभ पाने के लिए किसानों को ई-केवाईसी (e-KYC) करवाना अनिवार्य हो गया है। बिना ई केवाईसी के किसान अब इस योजना का लाभ नहीं उठा पाएंगे। सरकार ने यह इसलिए अनिवार्य किया है, क्योंकि पिछली बार जांच में पाया गया था कि कई ऐसे किसान इस योजना का लाभ ले रहे हैं, जो पहले से ही इनकम टैक्स के दायरे में आते थे और इनकम टैक्स भर रहे थे।
किसान कर लें अपना भी नाम चेक, नही तो वापस देना पड़ेगा पीएम किसान का पैसा

किसान कर लें अपना भी नाम चेक, नही तो वापस देना पड़ेगा पीएम किसान का पैसा

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan) के तहत हर किसान को प्रधानमंत्री की तरफ से सालाना ₹6000 की एक राशि दी जाती है। साल में 3 बार, 4 महीने के अंतराल पर ₹2000 किसान सम्मान निधि योजना के तहत सभी किसानों को, जो भी उसके लिए योग्य है, उनको दिया जाता है। उसी योजना के तहत अक्टूबर माह में तकरीबन आठ करोड़ किसान के खाते में सीधे डीबीटी के माध्यम से इस योजना की 12वीं किस्त का भुगतान कर दिया गया है। आपको बता दें कि इस अक्टूबर माह के भुगतान के अंतर्गत बहुत सारे किसान इस योजना से वंचित रह गए हैं, जिनका अक्टूबर माह का भुगतान उनके खाते में नहीं पहुंच पाया है। जानकारी के मुताबिक बता दें कि जिन किसानों का भुगतान उनके खाते में नहीं पहुंच पाया है, उनके लिए ज्यादा टेंशन की बात नहीं है। कहीं ना कहीं किसी प्रकार का त्रुटि रह गया है, जिसके कारण उनका भुगतान नहीं मिल पाया है। अक्सर यह पाया जाता है, कि आधार नंबर ईकेवाईसी या अन्य किसी प्रकार की गलती रह जाने के कारण योजना का लाभ किसानों तक नहीं पहुंच पाता है, और उनको सम्मान निधि योजना का लाभ नहीं मिल पाता है।


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गौरतलब हो कि इस योजना की 11वीं किस्त के भुगतान के दौरान किसानों की संख्या 10 करोड़ थी। वहीं इस बार किसानों की संख्या घटकर आठ करोड़ हो गई है, जिसका कारण भूलेखका सत्यापन अनिवार्य करना बताया जा रहा है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि बहुत सारे अपात्र किसान जो इस सम्मान निधि योजना के लिए योग्य नहीं थे। उन्होंने किसी फर्जी तरीके से प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना के तहत अपना रजिस्ट्रेशन कर इस योजना का लाभ उठा रहे थे। उनके पहचान के लिए केंद्र सरकार ने भूलेख का सत्यापन अनिवार्य कर दिया है और इस सत्यापन का असर यह दिखा की इस 12वीं किस्त के भुगतान के दौरान किसानों की संख्या 10 करोड़ से घटकर आठ करोड़ हो गई है। आपको यह भी बता दें कि अब जनवरी में इस योजना की 13वीं किस्त का भुगतान होना है, जिसके लिए केंद्र सरकार ने भूलेख सत्यापन जारी कर रखा है, और इस भूलेख सत्यापन से जो भी अपात्र किसान हैं, उन्हें इस योजना से वंचित कर दिया जाएगा। पिछले किस्त के उठाए गए लाभ की राशि का रिकवरी किया जाएगा। जो भी किसान को इस 12वीं किस्त का लाभ नहीं मिल पाया है, वहीं एक बार यह भी चेक कर लें की कहीं आपका नाम भी उस अपात्र किसान के लिस्ट में तो नहीं है। एक बार आप भी यह चेक कर लें कि कहीं आपका ईकेवाईसी के कारण या किसी भी गड़बड़ी के कारण आप इस योजना से वंचित तो नहीं रह गए हैं। सबसे पहले लाभार्थी का सूची देखने के लिए आपको प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर चेक करना होगा कि आपका नाम अपात्र किसान में है या फिर किसी गड़बड़ी के कारण आपकी 12वीं किस्त का भुगतान नहीं हो पाया है। अगर आप भी नाम देखना चाहते हैं तो इस प्रक्रिया को फॉलो कर चेक करें। • सबसे पहले आपको नीचे दिए गए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा https://pmkisan.gov.in • फिर वह जो पेज खोलकर आएगा उसके दाहिने तरफ फार्मर कॉर्नर के ऑप्शन में कई विकल्प होंगे जिसमें से आपको बेनिफिशियरी स्टेटस का विकल्प पर क्लिक करना है। • इस विकल्प पर क्लिक करते ही दो विकल्प और खुलकर सामने आएंगे जिसके एक में आधार नंबर और दूसरे में बैंक अकाउंट नंबर लिखा होगा। • उसमें से जो विकल्प चुना चाहे उसमें अपना आधार नंबर या अकाउंट नंबर दर्ज कर गेटरिपोर्ट पर क्लिक करें, आपको वहां से पूरा ब्यौरा मिल जाएगा। • पैसा किस कारण से आप खाता में नहीं आए हैं इसका भी पूरा ब्यौरा वहां आपको मिल जाएगा।
पराली जलायी तो इस राज्य में पी एम किसान सम्मान निधि से होंगे वंचित

पराली जलायी तो इस राज्य में पी एम किसान सम्मान निधि से होंगे वंचित

पराली जलाने (stubble burning) से होने वाले प्रदुषण की वजह से जनजीवन काफी हद तक प्रभावित होता है। लोगों को साँस लेने में बहुत समस्या आती है साथ ही वातावरण भी दूषित होता है। पराली से उत्पन्न होने वाले प्रदुषण से बचने के लिए सरकार व प्रशासन तरह तरह की कोशिश करते हैं। लेकिन कई प्रयासों के बावजूद भी पराली जलाने के मामले सामने आते रहते हैं। हाल ही में पराली जलाने से बचाने के लिए हरियाणा सरकार ने भी १ हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से पराली का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया है जिससे किसान पराली को जलाने की जगह, पराली बेचकर आय कर सकें। अब उत्तर प्रदेश सरकार ने भी पराली जलाने वालों को रोकने के लिए एलान किया है कि जो भी किसान खेतों में पराली जलाते हुए मिला तो उसको प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभ से वंचित कर दिया जायेगा। उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है की शीत काल में पराली जलाने के कारण दिल्ली का पर्यावरण तो गंभीर रूप से प्रभावित होता ही है, साथ ही देशभर को भी इसका नुकसान उठाना पड़ता है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गोरखपुर में पराली जलाने से रोकने के लिए पराली जलाने वाले किसान को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से तो दूर रखा ही जायेगा, साथ ही १ एकड़ भूमि रखने वाले किसान से २५०० रुपए एवं इससे अधिक भूमि वाले किसान से ५००० रुपये लिए जायेंगे। कृषि विभाग डिप्टी डायरेक्टर अरविन्द सिंह ने कहा पराली के मामलों में कमी करने के लिए अब उपग्रह के जरिये नजर रखी जायेगी।

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उत्तर प्रदेश में पराली जलाने के कम मामले सामने आने की मुख्य वजह

सरकार एवं प्रशासन के द्वारा की गयी कड़ाई एवं सख्ती की वजह से पराली जलाने के मामले काफी कम हुए हैं, साथ ही प्रदुषण से भी पहले की अपेक्षा काफी राहत मिली है। जुर्माने के डर की वजह से पराली जलाने के मामलों में गिरावट संभव हो पायी है। किसान पराली जलाते वक्त पकड़े जाने के डर से पराली को नहीं जलाते, जिससे प्रदूषण काफी हद तक कम हुआ है। सरकार का कहना है कि किसानों को जुर्माने का भय पराली प्रबंधन के नए तरीकों को भी विकसित कर रहा है, इसके साथ साथ लोगों में इससे होने वाले प्रदूषण के बारे में जागरूक भी हुए हैं।

हरियाणा सरकार की पराली प्रदुषण रोकने की नीति

हरियाणा सरकार द्वारा भी पराली प्रदुषण को रोकने के लिए कृषि उपकरणों पर अनुदान देने के साथ साथ पराली का न्यूतम समर्थन मूल्य भी १ हजार रुपये एकड़ कर दिया गया है। दिल्ली के साथ हरियाणा राज्य पराली से होने वाले प्रदूषण से काफी प्रभावित होता है, इसलिए वह पहले से ही सजग होकर इससे निपटने का हर सम्भव प्रयास करता है। हरियाणा में पराली जलाने से दिल्ली राज्य को काफी प्रदूषण का सामना करना पड़ता है, क्योंकि हरियाणा दिल्ली से सटा हुआ है। पराली के प्रदूषण से बचाने के लिए देश की सभी राज्य सरकारें भरपूर प्रयास कर रही हैं।
अब तक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से नहीं जुड़े हैं? फौरन करें ये काम

अब तक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से नहीं जुड़े हैं? फौरन करें ये काम

देश के किसानों की आर्थिक हालत सुधारने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत हर लाभुक को एक साल में 6 हजार रुपये दिये जाते हैं। इस सूची की हर महीने स्क्रूटनी की जा रही है। अयोग्य लोगों के नाम सूची से काट कर उनसे वसूली भी की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस देश में कई क्रांतिकारी योजनाएं लागू कीं। इनमें आयुष्मान भारत और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना प्रमुख हैं। एक तरफ आयुष्मान भारत हेल्थ सेक्टर की दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी स्कीम है। तो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना दुनिया की सबसे कल्याणकारी योजना है, जिसमें गरीब किसानों को प्रति चार माह में 2000 रुपये की मदद राशि दी जाती है। मकसद साफ है, देश का किसान खुशहाल रहे, उसे भूखमरी का शिकार न होना पड़े। वह खेती न छोड़े, यह योजना तीन साल से चल रही है। अगर आप किन्हीं कारणों से अब तक इस योजना का लाभ न ले पाएं हों तो इस लेख को गौर से पढ़ें।


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योग्यता

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में वही हिस्सा ले सकता है, जो मूलतः किसान हो, उसके पास दो हेक्टेयर से ज्यादा भूमि न हो, जमीन के कागजात जिनके नाम पर हों, वही इस योजना का लाभ ले सकते हैं, आधार कार्ड होना अनिवार्य है। जो पता आप दे रहे हैं, (आधार न होने की स्थिति में) उसका सुबूत देना होगा बैंक खाता होना अत्यावश्यक है।

कैसे करें आवेदन

इस योजना का लाभ लेने के लिए आपको बहुत भटकने की जरूरत नहीं है, आप इस योजना की आधिकारिक वेबसाइट (https://pmkisan.gov.in/) पर जाएं और जो-जो उसमें जरूरतें मांगी गई हैं, उन्हें पूरा करें। जब आप सफलतापूर्वक उसे पूर्ण कर लेंगे तो आपको एक संवाद मिलेगा। यह संवाद आपके मोबाइल और मेल आईडी पर आएगा, आपके बैंक को वेरीफाई किया जाएगा। इस प्रोसेस को पूरा करने के बाद आप प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के पात्र हो जाएंगे।

फ्राड से बचें

साल के 6000 रुपये के लिए भी भारत में फ्राड हो रहा है। कई किसान ऐसे हैं (जो वास्तव में किसान नहीं हैं) जो फर्जी नाम-पता-मोबाइल नंबर डाल कर पंजीकरण करा लेते हैं। हर साल 6000 रुपये का लाभ ले लेते हैं, अब ऐसे लोगों को सरकार खोज-खोज कर निकाल रही है। अकेले यूपी में ही 22 लाख से ज्यादा फर्जी किसान पकड़े हैं, इन सभी को अब कोर्ट के चक्कर काटने पड़ रहे हैं, वसूली हो रही है सो अलग।

कल्याण के लिए है योजना

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना किसानों के कल्याण के लिए है, यह उन किसानों के लिए है, जो बिचारे कम रकबे में खेती करते हैं. परिवार बड़ा है, आमदनी के साधन कम हैं। उन छोटे किसानों को थोड़ा सपोर्ट करने के लिए ये योजना है। इसका मकसद सिर्फ इतना है कि किसान खुश रहे। रोजमर्रा की उनकी जिंदगी सुचारू रुप से चले। हालांकि, इस योजना का मकसद यह कतई नहीं है, कि आप खेती-बाड़ी छोड़ दें और मात्र 6000 रुपये में अपना गुजारा करने की सोचें, यह होने वाला भी नहीं।
अगर आपने भी किसान सम्मान निधि योजना में गलत तरह से पैसा लिया है तो सतर्क हो जाएं

अगर आपने भी किसान सम्मान निधि योजना में गलत तरह से पैसा लिया है तो सतर्क हो जाएं

केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को सालाना ₹6000 देने की बात की गई थी। यह पैसे उन्हें पूरे साल भर में दो दो हजार की किस्तों में तीन बार में दिए जाएंगे, फिलहाल किसानों को 12 किस्तें भेजी जा चुकी हैं और अगली किस्त जनवरी में जाने वाली है। लेकिन हाल ही में समस्या यह आ रही है, कि बहुत से किसान इस योजना का गलत लाभ उठा रहे हैं। लगभग 1.86 करोड़ किसानों को इस योजना से हटा दिया गया है और आने वाले समय में और भी ऐसे लोगों की पहचान की जाएगी जो गलत तरीके से यह आर्थिक मदद ले रहे हैं। सरकार ने ईकेवाईसी और लैंड सेटिंग को इस योजना के लिए अनिवार्य कर दिया है।


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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत हो सकती है बहुत से लोगों की छंटनी

जिन लोगों ने अपना ईकेवाईसी नहीं करवाया है और अपनी भूमि के बारे में सही तरह से जानकारी नहीं दी है, उन्हें इस लिस्ट से हटा दिया जाएगा। आप pmkisan.gov.in की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर भी यह जानकारी ले सकते हैं कि आपका नाम लाभार्थी लिस्ट में है या नहीं।

सरकार द्वारा जारी किए जा रहे हैं नोटिस

एक बार योजना के तहत अयोग्य साबित हो जाने के बाद सरकार उन किसानों को एक सरकारी नोटिस भेज रही है। इस नोटिस के तहत अभी तक जितनी भी राशि का लाभ उन लोगों ने उठाया है उन्हें वह पैसा वापस करने का आदेश दिया गया है। अगर दिए गए समय में वह पैसा नहीं लौटाया जाता है, तो उनके खिलाफ सरकार की तरफ से कार्यवाही की जाएगी।


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पैसा कैसे वापस करें

अगर आप इस चीज को लेकर परेशान हैं कि लिया गया पैसा आप किस तरह से वापस कर सकते हैं। तो इसके लिए आप अपने आसपास किसी भी नजदीकी बैंक शाखा में जाकर इसके बारे में पता कर सकते हैं। इसके अलावा आप ऑनलाइन जाकर भी यह प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। आप आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर यह भी चेक कर सकते हैं कि आपको पैसे वापस करने हैं या नहीं। ● होम पेज पर जाकर फार्मर्स कॉर्नर में रिफंड ऑनलाइन का ऑप्शन चुनें। ● अपना 12 अंकों का आधार नंबर, 10 अंकों का मोबाइल नंबर और अपनी बैंक खाता संख्या भी दर्ज करवाएं। ● इसके बाद Captcha Code दर्ज करें और Get Data के बटन पर क्लिक कर दें। ● अगर आपकी स्क्रीन पर रिफंड का अमाउंट दिख रहा है, तो आपको पैसे लौटाने होंगे। ● अगर स्क्रीन पर 'You are not eligible for any refund Amount' दिख रहा है, तो आपको पैसा नहीं लौटाना होगा। इसके अलावा इससे जुड़ी हुई किसी भी समस्या के समाधान के लिए सरकार ने ईमेल और टोल फ्री नंबर भी जारी किए हैं। पीएम किसान योजना को लेकर किसी भी तरह की समस्या होने पर आधिकारिक ईमेल आईडी pmkisan-ict@gov.in पर संपर्क कर सकते हैं। 55261 या 1800115526 पर कॉल करते हुए भी आप अपनी समस्या का समाधान जान सकते हैं।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में सबसे ज्यादा लाभार्थी हुए हैं उत्तर प्रदेश के किसान, जाने क्या है आपके राज्य का हाल

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में सबसे ज्यादा लाभार्थी हुए हैं उत्तर प्रदेश के किसान, जाने क्या है आपके राज्य का हाल

केंद्र सरकार की तरफ से आर्थिक तौर पर कमजोर किसानों की मदद करने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत 2018 में की गई थी। अब तक इस योजना के तहत 12 किस्त जारी हो चुकी हैं, जिसके लिए लाखों रुपए खर्च हो चुके हैं। अगर आंकड़ों की मानें तो इस योजना के तहत सबसे ज्यादा लाभ उत्तर प्रदेश के किसानों को हुआ है। इस बात का खुलासा हमारे कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया है। 

केंद्रीय कृषि मंत्री द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश योजना के शुभारंभ के बाद से प्रत्येक तिमाही में पीएम किसान सम्मान निधि योजना का सबसे बड़ा लाभार्थी हैं। हाल ही, में कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया है, कि इस योजना के तहत किसानों पर दो लाख करोड रुपए खर्च किए जा चुके हैं।

सरकार किसानों को प्रति वर्ष 6,000 रुपये तीन किस्तों में देती है

इस योजना के तहत किसानों को हर साल ₹6000 की राशि दी जाती है, जो उन्हें पूरे साल में 2000 की तीन किस्तों के रूप में प्रदान की जाती है। यह राशि सीधा किसानों के खाते में जाती है। राज्य और केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) योजना के तहत लाभार्थियों की पहचान और पुष्टि करते हैं। पीएम किसान वेबसाइट पर उनके संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा उनके डेटा को सत्यापित करने के बाद पात्र लाभार्थियों के खाते में रकम भेजी जाती है।

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आंकड़ों की जांच करने के बाद कृषि और कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया है, कि उत्तर प्रदेश के किसानों को इस योजना के तहत सबसे ज्यादा लाभ हुआ है। उदाहरण के लिए दिसंबर 2018 से मार्च 2019 तक राज्य को 2,238.72 करोड़ रुपये पीएम किसान निधि से प्राप्त हुए। इसके बाद अगला सबसे बड़ा लाभार्थी राज्य आंध्र प्रदेश है। हालांकि, दुखद बात यह है, कि उसे केवल 663.4 करोड़ रुपये मिले, वहीं, चंडीगढ़ तीसरे नंबर पर है। अगर इस योजना की अगली किस्त की बात की जाए तो अब इस योजना के तहत 19 लाख के साथ ही लाभार्थी हो पाएंगे।

फर्जी लोगों के खिलाफ केंद्र सख्त हो गया है

सरकार द्वारा करवाए गए सर्वे के अनुसार इस योजना के तहत बहुत से लोगों ने फर्जी पंजीकरण किया है, जिसका सरकार पता लगा रही है। जिन भी किसानों ने गलत तरीके से इस योजना में पंजीकरण करवाया है, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी। इसके अलावा सरकार ने किसानों को गलत तरीके से ली गई धनराशि को वापस करने के लिए भी सुविधाएं दी हैं। किसान इसके लिए बनाई गई आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर यह पता कर सकते हैं, कि उन्हें धनराशि वापस करनी है या नहीं। अपनी सारी डिटेल्स वहां पर डालने के बाद किसान अपनी योग्यता वेबसाइट पर चेक कर सकते हैं।

जानें पीएम किसान योजना जी 13 वीं किस्त कब तक आएगी

जानें पीएम किसान योजना जी 13 वीं किस्त कब तक आएगी

किसानों को पीएम किसान योजना की 13 वीं किस्त की बेहद उत्सुकता से प्रतीक्षा है। किसानों को अनुमान है, शायद इस हफ्ते उनकी 13 वीं किस्त उनके खाते में डाल दी जाएगी। केंद्र सरकार भी 13 वीं किस्त किसानों के खाते में भेजने हेतु पूर्ण व्यवस्था में लगी हुई है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 12वीं किस्त किसानों को मिल चुकी है। किसान वर्तमान में 13 वीं किस्त की प्रतीक्षा में बैठे हैं। आखिर कब तक उनको 13 वीं किस्त मिलेगी। इस बात के लिए किसान सड़कों पर निरंतर बातचीत में लगे हुए हैं। किसानों द्वारा केंद्र सरकार से भी अनुग्रह किया जा रहा है, कि वह इसी माह में शीघ्र से शीघ्र उनके खाते में 13 वीं किस्त ड़ाल दें।

किसानों को कब तक 13 वीं किस्त मिल सकती है

अगर जनवरी माह में 13 वीं किस्त किसानों को कब तक मिलेगी। किसान इस विषय पर निरंतर चर्चा कर रहे हैं। मीडिया खबरों के मुताबिक, लोहड़ी एवं मकर संक्राति के त्यौहार से पूर्व किस्त किसानों को मिलने की आशा की जा रही थी। परंतु, फिलहाल जो खबरें देखने को मिल रही हैं। उनके मुताबिक तो आने वाले हफ्ते में अथवा जनवरी माह के किसी भी दिन किसानों के खातों में पहुँचा दी जा सकती है। केंद्र सरकार के अधिकारियों के मुताबिक, किसानों को चिंतित होने की कोई आवश्यकता नहीं है। केंद्र सरकार निर्धारित समय पर 13 वीं किस्त किसानों के खाते में भेज देगी। दरअसल, केंद्र सरकार की तरफ से किस्त जारी करने के संबंध में कोई अधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। लेकिन, इसी हफ्ते अथवा 26 जनवरी से पूर्व किसानों के खातों में उनकी 13 वीं किस्त आने की संभावना है।


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किसानों को ऑनलाइन तौर पर इस कार्य को करना अति आवश्यक है

पीएम किसान योजना की आगामी किस्त प्राप्त करने हेतु कृषकों को ई-केवाईसी होनी आवश्यक है। जिसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना भी बेहद आवश्यक होता है। पंजीयन करते समय राशन कार्ड का सॅाफ्ट कार्ड जमा करना होगा। आपको हार्ड कॉपी जमा करने की कोई आवश्यकता नहीं है। आप इसके लिए पीएम किसान पोर्टल की अधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करें। वेबसाइट पर आपको राशन कार्ड की PDF फाइल तैयार कर अपलोड करदें। यदि किसानों ने राशन कार्ड की कॉपी जमा नहीं की तो उस स्थिति में किसान किस्त से वंचित रह जाएंगे।

आधार कार्ड का बैंक खाते से जुड़े रहने की स्थिति में ही मिल पायेगा लाभ

केंद्र सरकार के निर्देशानुसार आधार कार्ड को बैंक से जोड़ना बहुत आवश्यक कर दिया है। बैंक से आधार कार्ड जुड़ने की स्थिति में आपकी ई-केवाईसी पूर्ण हो जाएगी। केंद्र सरकार के अधिकारियों के मुताबिक, किस्त प्राप्त करने हेतु किसानों का आधार कार्ड बैंक से जुड़ा होना चाहिए। उसके उपरांत ही 13 वीं किस्त किसानों को मिल सकेगी। बतादें, कि अपात्र एवं E-KYC नहीं होने की वजह से 2 करोड़ से ज्यादा किसानों के खाते में 12 वीं किस्त नहीं पहुँच पायी थी। वर्तमान में केंद्र सरकार द्वारा पात्र किसानों को ई-केवाईसी कराने का अवसर प्रदान किया जा रहा है। जिससे कि वह पीएम किसान योजनासे लाभान्वित हो सकें।